• Hindi - सामाजिक कहानियाँ

    छांव की तलाश

    अर्जुन प्रसाद मिश्रा वाराणसी — एक ऐसा शहर जो गंगा की गोद में बसा है, जहाँ हर सुबह आरती की धुनों और शंखनाद की गूँज से होती है। वहीँ पुराने घाटों, मंदिरों और तंग गलियों के बीच बसा है हरिश्चंद्र मोहल्ला, जो अपनी गरीबी में भी आत्मसम्मान और रिश्तों की गर्माहट से भरा है। यहाँ की गलियाँ इतनी सँकरी हैं कि दो साइकिल एक साथ निकल जाएँ, तो चमत्कार ही लगे। दीवारों पर पोस्टरों की परतें जमी हैं, कहीं-कहीं रंग उखड़ कर ईंटों का चेहरा दिखा देती हैं। इसी मोहल्ले की एक टूटी-फूटी हवेली के पिछवाड़े दो कमरों का कच्चा…