• Hindi - यात्रा-वृत्तांत

    एक सफर… खुद से मिलने का

    रीनी शर्मा दिल्ली का जनवरी महीने का मौसम था। हल्की ठंड, कोहरे की चादर और भीड़-भाड़ से भरी सड़कें। हर इंसान जैसे किसी अदृश्य घड़ी की सुई के पीछे दौड़ रहा था—बिना रुके, बिना पूछे कि ये दौड़ किसके लिए है? इन्हीं लाखों चेहरों में एक चेहरा था अर्जुन मेहरा का—32 वर्षीय, सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करने वाला एक सामान्य कर्मचारी। हाइट 5’10”, छरहरा शरीर, हल्की दाढ़ी, आँखों में थकान और मन में एक स्थायी बेचैनी। हर दिन उसकी ज़िंदगी का रूटीन घड़ी की सुई से बंधा था—सुबह 7 बजे उठना, 8 बजे मेट्रो पकड़ना, 9 बजे ऑफिस पहुँचना, 12…