अर्चित रस्तोगी भाग १ चौक बाज़ार की पुरानी सड़कें जब रात के अंधेरे में चुप हो जाती हैं, तब भी एक जगह है जहाँ हलचल बनी रहती है—चौधरियों की हवेली। लोगों का कहना है कि उस हवेली के भीतर से आधी रात के बाद ज़ंजीरों की खनक सुनाई देती है। कोई कहता है बंधी हुई आत्मा है, तो कोई कहता है किसी ने वहाँ कुछ छुपा रखा है। राघव, एक २७ वर्षीय पत्रकार, दिल्ली से इस छोटे से शहर “दौरगंज” आया था। वह क्राइम रिपोर्टिंग में नाम कमाना चाहता था, पर दिल्ली की भीड़ और राजनीति ने उसे थका दिया…