समीर वर्मा एपिसोड 1: धुंध में चीख कोलकाता की सड़कों पर सर्दियों की धुंध इस क़दर छाई थी कि सामने चल रही पीली टैक्सी का पिछला नंबर प्लेट तक साफ़ दिखाई नहीं दे रहा था। हावड़ा ब्रिज की रोशनी उस धुंध को काटने की कोशिश कर रही थी, मगर हर रोशनी धुंध में घुलकर जैसे कोई अधूरा रहस्य बन जा रही थी। रात के पौने बारह बजे पुलिस कंट्रोल रूम में फ़ोन बजा। सब-इंस्पेक्टर शेखर चौधरी उस समय अपने डेस्क पर फाइलें पलट रहे थे। फोन उठाते ही उधर से घबराई हुई औरत की आवाज़ आई— “साहब… चीख सुनाई दी…
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अमितेश ठाकुर एपिसोड 1 — बारिश की गवाही रात की बारिश समंदर से उठी हवा में नमक घोल रही थी। सिवरी के जर्जर डॉक पर पीली रोशनी के नीचे धरती काली चमकती थी, जैसे किसी ने डामर पर तेल उँडेल दिया हो। कंटेनर नंबर 7C-319 की मुहर टूटते ही लोहे की चरमराहट से हवा काटती हुई निकली और चुप्पी के बीच आर्यन भोसले ने आधी नज़र घड़ी पर डाली—01:47। उसके साथ तीन और लोग थे—दारू का कैप उल्टा लगाए योगी, चुपचाप रहने वाला शागिर्द समीर, और सांवला, ठिगना ड्राइवर जग्गू। सब हथियारबंद, सबकी उँगलियाँ ट्रिगर की खाल से दोस्ती करती…