देविका अय्यर पृथ्वी के सबसे विकसित शोध केंद्र ‘नेक्सस लैब्स’ के अंधेरे और ठंडे गलियारे में, जहाँ कंप्यूटरों की ध्वनि दिल की धड़कनों जैसी सुनाई देती थी, वहीं एक अकेली टेबल पर बैठा था डॉ. आरव मेहता—भारत का सबसे प्रतिष्ठित न्यूरो-साइबरनेटिक वैज्ञानिक। दीवारों पर स्क्रीनें झिलमिला रही थीं, जिनमें से एक पर एक अनाम प्रोजेक्ट का कोड चल रहा था—Project E.I.R.A. (Emotional Intelligence Responsive Automaton)। यह कोई साधारण प्रोजेक्ट नहीं था। आरव पिछले दस वर्षों से इस मशीन पर काम कर रहा था, जिसकी प्रेरणा उसकी दिवंगत पत्नी रेवती थी—एक संगीतकार, जो मानती थी कि भावनाएँ ही इंसान की असली…