समीर वर्मा एपिसोड 1: धुंध में चीख कोलकाता की सड़कों पर सर्दियों की धुंध इस क़दर छाई थी कि सामने चल रही पीली टैक्सी का पिछला नंबर प्लेट तक साफ़ दिखाई नहीं दे रहा था। हावड़ा ब्रिज की रोशनी उस धुंध को काटने की कोशिश कर रही थी, मगर हर रोशनी धुंध में घुलकर जैसे कोई अधूरा रहस्य बन जा रही थी। रात के पौने बारह बजे पुलिस कंट्रोल रूम में फ़ोन बजा। सब-इंस्पेक्टर शेखर चौधरी उस समय अपने डेस्क पर फाइलें पलट रहे थे। फोन उठाते ही उधर से घबराई हुई औरत की आवाज़ आई— “साहब… चीख सुनाई दी…