Kiran Vale Part 1: The Night Market I never wanted to be seen—not by cameras, not by shareholders, not by the people who carry their hunger like a country on their backs. If you’re looking for villains, you expect a face. I prefer vectors: numbers that travel when no one is watching. Call me what the blogs do—crypt billionaire, ghost tycoon, a rumor with a balance sheet. The words don’t matter. Only the ledgers do. Mumbai had just finished raining the sea back onto itself. From the penthouse window in BKC, the city looked like a pulsing circuit. My phone…
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कालसूत्र भाग 1: वरसा का खून मुंबई की उस रात में समुद्र शांत नहीं था। लहरों का शोर सड़क की सन्नाटे को काटता जा रहा था, और बंदरगाह की ओर दौड़ती एक काली SUV की हेडलाइट्स किसी अजाने फैसले की गवाही दे रही थीं। गाड़ी की पिछली सीट पर बैठा था आदित्य वरसा — वरसा परिवार का आखिरी वारिस, और अंडरवर्ल्ड का एक उभरता चेहरा। पिता सुरेश वरसा की दो दिन पहले गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने इसे “गैंग वॉर” कह कर फाइल बंद कर दी थी, लेकिन आदित्य जानता था कि ये कोई आम…
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Rohini Deshmukh Part 1: The Call of the Unknown Sreeja Rao had covered countless stories—murder mysteries, unsolved disappearances, and even a haunted mansion once. But nothing had prepared her for the assignment that came her way on a rainy afternoon in the newsroom. The editor, a man who rarely trusted her instincts, handed her the assignment with a grin she didn’t trust. “Another one of your superstitions,” he said, flipping through a file. “Some temple in the south. Bells ringing by themselves. People disappearing. Thought you might like the challenge.” “Sounds like a joke,” she replied, arching an eyebrow. But…
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आकाश देशमुख “नई शुरुआत” पृथ्वी, साल 2085। जलवायु परिवर्तन ने संसार को नष्ट करने की कगार पर ला खड़ा किया था। ग्लेशियरों के पिघलने और महासागरों के बढ़ते जल स्तर ने समस्त मानवता को एक अपार संकट में डाल दिया था। कुछ ही सालों में, बड़े-बड़े शहरों में जीवन जीना लगभग असंभव हो चुका था। प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, और अत्यधिक जनसंख्या के दबाव ने मनुष्य की जीवित रहने की क्षमता को बहुत ही कठिन बना दिया था। यह दुनिया एक अनिश्चितता से घिरी हुई थी, जहाँ हर कोई अपनी सुरक्षा और अस्तित्व की तलाश में था। इन सभी संकटों के…
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अनिरुद्ध तिवारी भाग १: खामोशी की हलचल धरणपुर की सुबहें शांत होती थीं—कम से कम बाहर से देखने पर। लेकिन जो लोग सत्ता के गलियारों में रहते थे, उन्हें मालूम था कि यहां की चुप्पी अक्सर किसी तूफान से पहले की खामोशी होती है। चुनाव छह महीने दूर थे, पर मुख्यमंत्री सुरेश राजे का चेहरा जैसे पहले ही हार मान चुका था। काले घेरे उनकी आंखों के नीचे गहराते जा रहे थे और पार्टी के भीतर बगावत की आवाज़ें तेज़ होने लगी थीं। इसी बीच धरणपुर के जिला कलेक्टर राघव त्रिपाठी को एक गुप्त चिट्ठी मिली। सफेद लिफाफा, बिना किसी…
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राहुल शुक्ला भाग 1: धारावी का नया राजा धारावी की तंग गलियाँ उस रात कुछ ज्यादा ही चुप थीं। हवा में बारूद की गंध घुली थी और पुलिस की सायरन की आवाज़ दूर से गूंज रही थी। साया — मुम्बई अंडरवर्ल्ड का एक नाम, जिसे सुनते ही लोगों के चेहरे पर पसीना छलक आता था — आज रात एक और खून के बाद माफिया की गद्दी पर पूरी तरह बैठ चुका था। साया का असली नाम था रईस अली, लेकिन अब उसे कोई इस नाम से नहीं जानता। वो गुमनाम रहना चाहता था, पर उसकी कहानियाँ हर नुक्कड़-चाय की दुकान…