• Hindi - प्रेम कहानियाँ

    धड़कनों की दरमियाँ

    नीरज सहाय भाग 1 सुबह की ठंडी हवा में हल्की-हल्की धुंध तैर रही थी। दिल्ली के पुरानी रेलवे स्टेशन का प्लेटफॉर्म नंबर तीन अपनी चिर-परिचित हलचल में डूबा था। चायवालों की आवाज़, कुलियों की पुकार, और यात्रियों की चहल-पहल के बीच एक कोना ऐसा था जहाँ समय जैसे कुछ देर के लिए ठहर जाता था — वही पुरानी किताबों की दुकान, जिसकी लकड़ी की अलमारी में से स्याही और पुराने कागज़ की मिली-जुली खुशबू आती थी। अर्जुन वहीं खड़ा था, अपनी आदत के मुताबिक। हर शुक्रवार की सुबह, ठीक दस बजे, वो वहाँ आता और कोई न कोई किताब खरीदकर…