• Hindi - यात्रा-वृत्तांत

    सफ़र की आवाज़ें

    संजय त्रिवेदी भाग १ – प्रस्थान दिल्ली की भरी-पूरी सड़कों पर उस सुबह एक अजीब-सी बेचैनी तैर रही थी। राहुल ने खिड़की से बाहर देखा—गाड़ियों का शोर, हॉर्न की चुभती आवाज़ें और लोगों की जल्दबाज़ी। यह सब कुछ उसके भीतर जैसे एक भारी बोझ बन चुका था। रात भर नींद नहीं आई थी। कॉर्पोरेट नौकरी की डेडलाइन्स, बॉस के सवाल और घर लौटने पर सन्नाटा—सबकुछ उसे थका चुका था। उस सुबह उसने अचानक तय किया कि अब और नहीं। उसने बैग उठाया, कुछ कपड़े ठूँसे, और बिना ज़्यादा सोचे कैब बुलाकर स्टेशन की ओर निकल पड़ा। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन…