आरव सक्सेना भाग 1 : भीड़ के बीच पहली नज़र पुरानी दिल्ली का दिल है चाँदनी चौक। यहाँ की गलियाँ इतनी तंग हैं कि दो साइकिलें साथ निकलें तो लगता है जैसे दीवारें कानाफूसी कर रही हों। सुबह का वक़्त था। सूरज की सुनहरी रोशनी लाल क़िले की बुर्ज़ों से उतरकर हौज़ क़ाज़ी की तरफ़ फैल रही थी। दुकानों के शटर धीरे-धीरे उठ रहे थे, पर गलियाँ पहले ही ज़िंदा हो चुकी थीं। मिठाईवालों के यहाँ से ताज़े जलेबी की महक, चायवालों की केतली से उठती भाप और रिक्शों की घंटियों की आवाज़ मिलकर एक अलग ही संगीत बना रही…