अनामिका मिश्रा भाग 1 गाँव का नाम था चांदपुर—उत्तरप्रदेश के बलिया जिले में बसा एक ऐसा गाँव, जहाँ न तो शहर की चकाचौंध थी, न ही इंटरनेट की तेज़ रफ्तार। लेकिन था तो बस एक चीज़—दिल से जुड़ा अपनापन। वही अपनापन था जो आरती और फरज़ाना की दोस्ती की नींव बना। आरती थी ज़मींदार के घर की इकलौती बेटी—चमकती साड़ी, पायल की छनक, और आँखों में अनगिनत सपने। दूसरी तरफ फरज़ाना—मदरसे में पढ़ाई करती, अब्बू की छोटी सी दुकान में हाथ बंटाती, चुपचाप मगर गहरी नज़रों वाली लड़की। दोनों का मिलना शायद किसी फिल्मी कहानी की तरह हुआ था, लेकिन…