शिवांगी राणा 1 कालाजोर। झारखंड-बिहार की सीमा पर बसा एक छोटा-सा कस्बा, जो अब धीरे-धीरे एक कोयला साम्राज्य की अंधेरी गहराइयों में समा चुका है। सूरज की पहली किरणें भी यहाँ की काली मिट्टी में अपना रंग खो देती थीं। एक समय था जब यहाँ जीवन था—खेत, मेले, और बच्चों की किलकारियाँ। अब हर कोने से सिर्फ एक ही आवाज़ आती थी—डंपर की घरघराहट, मशीनों की चरमराहट और… खदानों से उठती एक लंबी थकान भरी साँस। आईपीएस अधिकारी अवनि राय जब ट्रेन से उतरीं, तो सबसे पहले उन्होंने वही साँस सुनी—जैसे किसी ज़िंदा शहर के सीने पर कोयले की मोटी…