विशाल सुरि गंगा की लहरों में आरण, दिल्ली का एक युवा लेखक, हमेशा से ही अपनी ज़िंदगी में कुछ नया और अनोखा ढूंढ़ने की कोशिश करता रहा था। उसका जीवन किताबों और कहानियों के बीच बसा था, लेकिन वह खुद कभी अपनी कहानी नहीं लिख पाया था। अपनी अगली किताब के लिए प्रेरणा की तलाश में, वह बनारस आया था। बनारस, जो न केवल भारत की सांस्कृतिक धरोहर है, बल्कि एक ऐसे शहर का नाम है जहां हर गली, हर मंदिर, हर घाट पर एक नई कहानी बसी हुई है। आरण जानता था कि उसे यहीं कुछ विशेष मिल सकता…