• Hindi - क्राइम कहानियाँ

    गुमशुदा दुल्हन

    अमृता वीर १ पंजाब का छोटा-सा कस्बा उस दिन रोशनी और संगीत से जगमगा रहा था। गलियों में बिछी झालरें और घर-घर से आती ढोलक की थाप पूरे माहौल को उत्सवमय बना रही थी। सर्दियों की हल्की ठंडी हवा में पकवानों की खुशबू, शहनाई की गूँज और औरतों की गिद्दा-भांगड़ा की आवाज़ें मिलकर एक रंगीन तस्वीर बना रही थीं। अर्जुन सिंह, कस्बे के एक सम्मानित परिवार का बेटा, आज दूल्हा बना था। उसकी बारात घोड़ी पर सजी धजी, चमकदार लाइटों और ढोल-नगाड़ों के बीच निकली तो मोहल्ले भर के लोग देखने निकल आए। उधर सिमरन कौर, गाँव के किनारे बसे…

  • Hindi - कल्पविज्ञान

    त्रयलोक-समय यंत्र

    प्रमोद कुमार १ मध्यप्रदेश के सिंगनामा गाँव की सूखी, तपती ज़मीन पर जून की दोपहर भी नर्क से कम नहीं थी, लेकिन डॉ. प्रणव कश्यप की आँखों में जिज्ञासा की जो आग जल रही थी, वह हर तपन को फीका कर देती थी। पुरातत्व विभाग की ओर से सिंधु घाटी से जुड़ी किसी उप-सभ्यता की खोज के लिए खुदाई का यह दसवाँ दिन था, और अब तक मिली थीं केवल मिट्टी के बर्तन, टूटे हुए दीवार के टुकड़े, और दो-तीन अधजली लकड़ियाँ। मगर आज, जब खुदाई की टीम ज़मीन के तीसरे स्तर तक पहुँची थी, एक कुदाली ज़मीन में किसी…

  • Hindi - यात्रा-वृत्तांत

    चाय, पहाड़ और हम चार

    संध्या अग्रवाल फिर मिलेंगे ज़रूर “याद है, हम चारों ने कॉलेज के आखिरी दिन क्या कहा था?” मीना की आवाज़ वॉट्सएप कॉल पर गूंजती है। “हाँ, ये कि हम हर साल एक ट्रिप करेंगे, खुद के लिए। और फिर?” कविता हँसती है, “फिर बच्चों के स्कूल, टिफिन, पति की मीटिंग और सास-ससुर की दवा लिस्ट!” “मत पूछो,” सुझाता बोली, “मेरे तो याद भी नहीं कब मैंने अकेले चाय पी थी, बिना किसी को पूछे।” रुखसाना चुप थी। वो हमेशा कम बोलती थी, लेकिन जब बोलती थी, तो सीधा दिल में उतरता था। “मैंने कल अलमारी साफ़ की,” वो बोली, “एक…