मनीषा राठौड़ १ राजस्थान का रेगिस्तान दिन में तपती धूप और रात में सिहरन भरी ठंड से भरा रहता है। लेकिन इन सबके बीच, उस वीराने में बसा छोटा-सा गाँव धोराबावड़ी अपनी अजीबोगरीब दास्तान के लिए मशहूर है। यह गाँव चारों तरफ़ फैली रेतीली ढलानों और दूर-दूर तक बिछी झाड़ियों के बीच बसा है। दिन में ऊँटों की घंटियाँ और बच्चों की किलकारियाँ सुनाई देती हैं, लेकिन रात का नज़ारा एकदम अलग होता है—मानो पूरा गाँव साँस रोककर किसी अनदेखे मेहमान की प्रतीक्षा करता हो। गाँव के लोग मानते हैं कि हर साल सावन की अंधेरी रात, जब चाँद बादलों…