रश्मि सावंत नोएडा के पॉश सेक्टर में बने ‘एलिट वैली’ टावर की दसवीं मंज़िल पर सुबह की धूप खिड़की के मोटे शीशों से छनकर अंदर आ रही थी। फ्लैट के अंदर हर चीज़ करीने से सजी—सफेद दीवारों पर न्यूनतम आर्टवर्क, अलमारी पर बच्चों की तस्वीरें, और एक कोने में एलेक्ज़ा पर बज रहा था—“गुड मॉर्निंग, प्रिय शर्मा।” प्रिय, हल्के पीले रंग की सूती साड़ी में, रसोई में चाय उबाल रही थी, पर उसकी नज़रें दरवाज़े के नीचे अटक गई थीं। किसी ने दरवाज़े के नीचे से एक लिफ़ाफा अंदर सरकाया था। वह पल भर के लिए थम गई। किसी ऑनलाइन…
-
-
अनुज वर्मा दिल्ली की उमस भरी गर्मी की दोपहर में नेहा शर्मा जब पुरानी दिल्ली की तंग गलियों से होकर उस हवेली की तरफ़ बढ़ी, तो उसके दिल में हल्का-सा डर और अजीब-सी उत्सुकता एक साथ उभर आई। हवेली का नाम उसने कई बार सुना था, अख़बारों में उसकी तस्वीरें भी देखी थीं, पर सामने खड़े होकर उसकी जर्जर दीवारों को देखना जैसे किसी पुराने ज़ख्म की परत हटाने जैसा था। टूटी हुई जालीदार खिड़कियाँ, ऊपर से झूलती बेलें और लोहे का ज़ंग खाया बड़ा सा दरवाज़ा — सब कुछ जैसे समय के थपेड़ों से थक कर झुक गया था।…