• Hindi - क्राइम कहानियाँ

    दोपहर का शिकार

    रौशन त्रिपाठी १ दोपहर का सूरज जयपुर की हवेलीनुमा गलियों को चटक सोने से भर रहा था। बाहर की दुनिया में चहल-पहल थी, लेकिन एक आलीशान अपार्टमेंट के अंदर, नैना वर्धन की आँखों में एक अलग ही हलचल थी। उसके लंबे भूरे बालों में हल्की लहर थी, आँखों में हल्का काजल, और होंठों पर वह मुस्कान — जो करोड़ों लोग स्क्रीन पर देखते थे। उसने ट्राइपॉड पर मोबाइल सेट किया, रिंग लाइट ऑन की, और कुछ देर तक खुद को स्क्रीन में देखा। वो जानती थी कि कैमरा चालू होते ही उसका किरदार चालू हो जाएगा — खुश, निडर, आत्मविश्वासी।…