१ उत्तराखंड की बर्फ़ से ढकी चोटियाँ सर्दियों की ठंडी साँसों के साथ रहस्यों को भी संजोए रहती हैं। यहाँ की वादियों में हर सरसराती हवा, हर बहती धारा, हर देवदार का पेड़ किसी पुरानी कहानी की गवाही देता है। स्थानीय गाँवों में अक्सर रात की अलाव बैठकों में बूढ़े बुजुर्ग एक ही कथा बार-बार सुनाते हैं—“काले साधु” की। यह साधु कोई साधारण संन्यासी नहीं था, बल्कि ऐसा सन्यासी जिसने अमरत्व की चाह में अपने जीवन को काले तंत्र की ओर मोड़ दिया। कहते हैं कि सदियों पहले उसने एक बर्फ़ीली गुफा को अपनी साधना का स्थान चुना और वहाँ…
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अमृता वीर १ पंजाब का छोटा-सा कस्बा उस दिन रोशनी और संगीत से जगमगा रहा था। गलियों में बिछी झालरें और घर-घर से आती ढोलक की थाप पूरे माहौल को उत्सवमय बना रही थी। सर्दियों की हल्की ठंडी हवा में पकवानों की खुशबू, शहनाई की गूँज और औरतों की गिद्दा-भांगड़ा की आवाज़ें मिलकर एक रंगीन तस्वीर बना रही थीं। अर्जुन सिंह, कस्बे के एक सम्मानित परिवार का बेटा, आज दूल्हा बना था। उसकी बारात घोड़ी पर सजी धजी, चमकदार लाइटों और ढोल-नगाड़ों के बीच निकली तो मोहल्ले भर के लोग देखने निकल आए। उधर सिमरन कौर, गाँव के किनारे बसे…
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श्रुति चतुर्वेदी १ बनारस की संकरी गलियों में सुबह का उजाला अक्सर धुएँ और धूल में घुला होता है, लेकिन उस दिन ठंड के कुहासे में जो चीज़ सबसे अलग दिखी, वो था—शव। सोनारपुरा की एक टूटी-फूटी हवेली के पीछे कूड़े के ढेर पर मिली थी एक लाश—एक अधेड़ उम्र के आदमी की, जिसकी आँखें खुली थीं, जैसे मरते वक्त वो किसी चीज़ को देख रहा था… या शायद पहचान रहा था। घटनास्थल पर सबसे पहले पहुँची इंस्पेक्टर श्रद्धा त्रिपाठी की नजर सीधे उसके दाहिने हाथ पर गई, जहाँ खून से सना एक छोटा सा काला नोटबुक पड़ा था। न…