• Hindi - प्रेतकथा

    भूतों का मेला

    १ राजस्थान की तपती धरती पर बीकानेर से करीब ८० किलोमीटर उत्तर-पश्चिम की ओर बसे कर्णसर गाँव की ओर बढ़ते हुए विराज प्रताप शेखावत के कैमरे का लेंस हर बंजर टीले, हर झुलसे पेड़, और हर झोंपड़ी को अपनी स्मृति में कैद कर रहा था। उसकी SUV रेत में बार-बार धँसती, पर चालक रफीक के अनुभव से रास्ता मिल ही जाता। विराज के पास बस एक अधूरी रिपोर्ट, एक पुराना नक़्शा, और अपनी गुमशुदा सहयोगी अन्वी चतुर्वेदी की फील्ड डायरी की कुछ जली पन्नियाँ थीं। चैनल हेड उसे इस स्टोरी से हटा चुका था—“लोककथाओं के पीछे वक्त ज़ाया न कर,…