राघव सक्सेना १ दिल्ली की चकाचौंध और भीड़भाड़ से दूर, शहर के एक नामी-गिरामी प्राइवेट अस्पताल की चमकती इमारतें अक्सर बाहर से किसी पाँच सितारा होटल जैसी लगती थीं। बड़े-बड़े शीशे, सफ़ेद यूनिफ़ॉर्म में सजे कर्मचारी, कॉफ़ी की खुशबू और एसी से छनकर आती ठंडी हवा… इन सबके बीच डॉ. आरव मेहता अपने इंटर्नशिप के पहले कुछ महीनों से गुज़र रहा था। महज़ सत्ताईस साल का यह जूनियर डॉक्टर मेडिकल कॉलेज से निकला ही था और उसने अपने भीतर आदर्शों और सेवा-भाव से भरी दुनिया बनाई थी। उसके लिए डॉक्टर होना महज़ पेशा नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी थी, जिसे निभाने…
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संध्या जोशी १ रात के ढाई बजे थे। मुंबई की हवा में उमस थी, लेकिन सिटी केयर अस्पताल की ICU यूनिट में एसी की ठंडक के बीच सब कुछ शांत था—कम से कम सतह पर। अंदर गहराई में कुछ हिल रहा था। ICU नंबर 3 में 52 वर्षीय व्यवसायी राजीव भाटिया की एपेंडिक्स सर्जरी खत्म हुए तीन घंटे हो चुके थे। ऐनेस्थेसिया के प्रभाव से उबरने के बाद, उन्हें हल्की नींद देने के लिए Zolaprim नामक एक आम नींद का इंजेक्शन देना था—जो अस्पताल की SOP (Standard Operating Procedure) का हिस्सा था। रात्रि ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर कबीर माथुर ने…
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राहुल भार्गव अध्याय 1: मौत ऑपरेशन थिएटर में सुबह के सात बजे का वक्त था, जब शहर के मशहूर नवरत्न मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल की दीवारें अपने अंदर एक गहरा रहस्य समेटे खामोश खड़ी थीं। अस्पताल की कांच की दीवारों से धूप की हल्की किरणें भीतर झांक रही थीं, लेकिन उनकी चमक अस्पताल के स्टाफ की घबराहट के सामने फीकी पड़ गई थी। ऑपरेशन थिएटर नंबर तीन के दरवाजे के बाहर नर्सें, जूनियर डॉक्टर्स और वार्ड बॉय जमा थे, जिनकी आंखों में डर और हैरानी दोनों थे। भीतर से कोई आवाज़ नहीं आ रही थी, लेकिन दरवाजे के निचले हिस्से से खून…