• Hindi - सामाजिक कहानियाँ

    चाय वाली अम्मा

    रचना चौहान चाय की पहली प्याली कचहरी के सामने जो टूटी-फूटी सड़क थी, वहीं एक कोने में लकड़ी की छोटी-सी गाड़ी पर दिन की शुरुआत होती थी एक उबलती केतली की आवाज़ से। सुबह के सात बजते ही उस गाड़ी के पास एक बुज़ुर्ग महिला सफेद सूती साड़ी में आ जातीं, माथे पर बड़ी लाल बिंदी, बाल पूरी तरह सफ़ेद, लेकिन चाल में अब भी गज़ब की चुस्ती। लोग उन्हें नाम से नहीं, दिल से जानते थे—”चाय वाली अम्मा”। पैंतीस साल से उसी जगह चाय बना रही थीं। किसी को नहीं मालूम कि वो कहाँ से आई थीं, कौन उनका…

  • Hindi - प्रेतकथा

    नीली चूड़ियों की आवाज़

    सोनल शर्मा पहली रात बसेरिया में प्राची मिश्रा की कार धूल उड़ाती हुई जब बसेरिया गांव के छोर पर पहुँची, तब शाम के साढ़े पाँच बज रहे थे। चारों ओर पीली रोशनी में नहाया खेत, सूखी घास की सरसराहट और दूर कहीं पीपल के पेड़ पर बैठे कौवे की कांव-कांव। उसने कार से उतरते हुए कैमरा और बैग उठाया, मोबाइल की लो बैटरी का नोटिफिकेशन नजरअंदाज़ किया, और अपनी डायरी जेब में खिसका ली। दिल्ली से करीब आठ घंटे की दूरी पर स्थित बसेरिया अब बस एक नाम भर रह गया था। कभी गुलजार रहा ये गांव अब जैसे साँसें…