• Hindi - यात्रा-वृत्तांत

    पहाड़ों की ओर

    प्रभाष गुप्ता दिल्ली का शहर हमेशा से ही अपनी चमक, भीड़ और बेइंतहा रफ़्तार के लिए जाना जाता है। सुबह होते ही यहाँ की सड़कों पर गाड़ियों का शोर, हॉर्न की गूंज और जल्दी में भागते लोगों की भीड़ हर तरफ दिखाई देती है। आरव भी इस दौड़ में शामिल एक साधारण इंसान था, जिसके जीवन का अधिकांश हिस्सा दफ़्तर और घर के बीच फँसकर रह गया था। सुबह अलार्म की आवाज़ के साथ उसकी आँख खुलती, और बिना सोचे-समझे वह दिन की शुरुआत करता। ऑफिस पहुँचने के लिए उसे मेट्रो या कैब में लंबा सफ़र तय करना पड़ता, जहाँ…