• Hindi - हास्य कहानियाँ

    मकान मालिक vs किरायेदार

    चन्दन पांडेय १ पुराने मोहल्ले की गलियाँ वैसे ही तंग और भीड़भाड़ से भरी थीं, जैसे किसी इतिहास की किताब का पीला पड़ चुका पन्ना। मकान मालिक शर्मा जी का घर भी उन जर्जर दीवारों के बीच एक ऐसा ही मकान था, जिसकी छत से सीलन की गंध आती थी और दीवारों पर पिछली बरसात के निशान अब भी जिद्दी दाग़ बनकर चिपके थे। मोहल्ले में सबको पता था कि शर्मा जी किराएदारों को लेकर बहुत सख़्त स्वभाव के हैं—“समय पर किराया दो और चैन से रहो” उनका नियम था। लेकिन मोहल्ले के नुक्कड़ पर उस दिन जब एक दुबली-पतली…