दीपक मेहता भाग १ : नोटिस की दीवार सुबह का सूरज अभी ठीक से निकला भी नहीं था कि झुग्गी बस्ती की गलियों में हलचल मच गई। बच्चे स्कूल जाने की तैयारी में थे, औरतें चूल्हे पर चाय रख रही थीं, और आदमी अपने-अपने काम पर निकलने की सोच रहे थे। तभी किसी ने चिल्लाकर कहा— “अरे! देखो… हमारी बस्ती की दीवार पर कुछ चिपकाया गया है!” सभी लोग दौड़कर वहाँ पहुँचे। दीवार पर पीला-सा कागज़ चिपका था, जिस पर मोटे-मोटे अक्षरों में लिखा था— “सूचना : यह भूमि सरकारी है। यहाँ अवैध झुग्गियाँ बनाई गई हैं। पन्द्रह दिनों के…
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कविता मेहरा भाग १ दिल्ली की सर्द सुबहें हमेशा कुछ छुपाए रखती हैं। कोहरे में लिपटी इमारतें, सड़क किनारे चाय की दुकानों से उठती भाप, और नेताओं की कारों के काफ़िले—इन सबके बीच कुछ ऐसा भी चलता है जो दिखाई नहीं देता, पर असर छोड़ता है। साउथ ब्लॉक के पीछे एक पुरानी बिल्डिंग है—’शंकर निवास’—जहाँ कभी एक मंत्री का परिवार रहता था, पर अब वहाँ रहस्यों की परछाइयाँ घूमती हैं। नेहा वर्मा, एक तेज़-तर्रार पत्रकार, ‘नव भारत आज’ चैनल की इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टर है। ३२ साल की नेहा राजनीति की गलियों में सच खोजने की आदी हो चुकी थी। उसका काम…