• Hindi - प्रेतकथा

    टेप रिकॉर्डर

    विराज जोशी १ ऋत्विक घोषाल एक ऐसे लेखक थे जिनकी आँखों में नींद नहीं, बल्कि पुराने समय की छवियाँ तैरती थीं। दिल्ली के करोल बाग के एक पुराने अपार्टमेंट की चौथी मंज़िल पर उनका छोटा सा कमरा था—दीवारें जर्जर, खिड़की से झांकती धूल, और हर कोने में बिखरे किताबों के ढेर जिनमें से ज़्यादातर रेडियो ड्रामा, पुरानी कहानियाँ और भारतीय ऑडियो आर्काइव्स पर केंद्रित थे। पिछले छह महीने से वह एक किताब पर काम कर रहे थे, जिसका विषय था: “बुलंद आवाज़ें – भारतीय रेडियो नाटकों का इतिहास”, लेकिन लेखन अब थकान बन चुका था। उसी थकान से उबरने के…