अभिषेक त्रिवेदी एपिसोड 1 : गली का नक्शा और पहला झगड़ा कहानी शुरू होती है एक ऐसे मोहल्ले से, जो शहर के नक्शे में देखने पर बिल्कुल भी दिखाई नहीं देता। नगर निगम का नक्शा बनाने वाला जब इस हिस्से तक पहुँचा तो उसकी पेंसिल की नोक टूट गई, और उसने वही अधूरा छोड़ दिया। नतीजा यह कि “छोटी गली” नाम की जगह कभी किसी दफ्तरी कागज़ पर पूरी तरह दर्ज ही नहीं हुई। लेकिन इस गली में रहने वालों के लिए यह दुनिया की सबसे बड़ी राजधानी थी—राजधानी भी और संसद भी, अदालत भी और खेल का मैदान भी।…
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समीर चौहान भाग 1 — शुरुआत का सपना लखनऊ की पुरानी गलियों में सर्दी की धूप धीरे-धीरे उतर रही थी। आयुष वर्मा बालकनी में खड़े होकर चाय की भाप में खोया था। कप उसके हाथ में था, लेकिन दिमाग कहीं और। नौकरी में आज प्रमोशन मिला था, लेकिन दिल में कोई खुशी नहीं थी। दिल्ली की एक मल्टीनेशनल कंपनी में सीनियर मैनेजर बनना उसके कॉलेज के दोस्तों के लिए सपनों जैसी बात थी, मगर आयुष के लिए… ये बस एक और महीने का वेतन था, जो बैंक अकाउंट में जमा होकर ईएमआई और बिलों में गुम हो जाएगा। बालकनी से…
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सारिका शर्मा स्वादों का आगमन शहर की हलचल और तेज़ रफ्तार जीवन में एक तरह की थकान सी आ गई थी। लोग अपनी-अपनी दुनिया में खोए रहते, और शहर की गलियों में एक अजीब सा अकेलापन महसूस होता था। ऐसे में, आरण्य नामक युवक के लिए यह एक नई शुरुआत थी। वह एक सफल शेफ था, जिसने शहर के सबसे बड़े रेस्तरां में काम किया था। बड़े शेफ की भूमिका निभाते हुए, वह जानता था कि सच्ची कला सिर्फ व्यंजन बनाने में नहीं, बल्कि दिल से भोजन में भावना डालने में है। लेकिन एक दिन उसने महसूस किया कि वह…
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अनामिका तिवारी अध्याय १: वह शिलालेख धूप की किरणें पहाड़ की चोटियों को छूते हुए नीचे बसे गाँव को जगाने लगी थीं। पहाड़ी हवा में अभी भी रात की ठंडक बाकी थी। गाँव का नाम था “बद्रीनगर” — सघन देवदारों के बीच बसा एक छोटा-सा अज्ञात गाँव, जहाँ समय मानो रुक गया हो। बद्रीनगर की सबसे पुरानी विरासत थी — कालेश्वर मंदिर, जो गाँव से कुछ दूरी पर पहाड़ी की चोटी पर स्थित था। यह मंदिर न सिर्फ अपने स्थापत्य के लिए, बल्कि वहाँ लिखे एक शिलालेख के कारण भी प्रसिद्ध था — वह शिलालेख, जिसे कोई नहीं छूता, कोई…