आकाश कुमार १ काठगोदाम का स्टेशन, अपनी पुरानी ईंटों और हल्की सी धुंध में ढकी हुई चाय की खुशबू के साथ, हमेशा की तरह व्यस्त था। ट्रेन का हौला सा ब्रेक, धूल भरी हवा में घुलते ध्वनियों के साथ स्टेशन की पटरियों पर गूँज रहा था। बरसों बाद वही लोग, जिनकी दोस्ती कॉलेज की गलियों में पली-बढ़ी थी, अब अलग-अलग शहरों और ज़िंदगियों की भागमभाग के बीच फिर एक बार मिलने आए थे। अभिषेक, जो अब अपने करियर में व्यस्त और गंभीर हो गया था, स्टेशन की भीड़ में अपनी पुरानी यादों को ताज़ा करता हुआ खड़ा था। उसका मन…
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आरव तिवारी भाग 1 – संगम किनारे की शुरुआत इलाहाबाद की शामें हमेशा से अनोखी रही हैं। जहाँ एक ओर संगम का किनारा अपने धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व से लोगों को आकर्षित करता है, वहीं दूसरी ओर सिविल लाइन्स और कटरा की गलियों में एक अलग ही ज़िंदगी धड़कती है। विश्वविद्यालय के सामने की चाय की दुकानों से लेकर लोकनाथ गली के ठेले तक, हर जगह अड्डे जमते हैं—जहाँ बातों का सिलसिला गंगा की धारा की तरह कभी रुकता नहीं। आरव, कहानी का नायक, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी का शोध छात्र था। वह इतिहास पढ़ता था, लेकिन उसके दिल में इलाहाबाद की…