• Hindi - हास्य कहानियाँ

    देसी जासूस एजेंसी

    प्रभात कुमार वर्मा  १ पप्पू और गोलू की दोस्ती मोहल्ले में मशहूर थी। दोनों हमेशा साथ घूमते-फिरते, गली-गली की हर गप्प में मौजूद रहते और हर झगड़े में बीच-बचाव करने का मौका ढूँढते। लेकिन ज़िंदगी में कुछ बड़ा करने की उनकी ख्वाहिश अधूरी रह जाती थी। मोहल्ले की छत पर, गर्मियों की एक दुपहरी में, पप्पू ने अपने सपनों का बक्सा खोल दिया। पसीने से तर-बतर होते हुए भी वह बड़ी गंभीरता से बोला—“गोलू, अब बहुत हो गया यह मामूली जिंदगी। हमें कुछ अलग करना होगा, कुछ ऐसा कि लोग हमारी मिसाल दें।” गोलू, जो बगल में बैठकर संतरे का…