अध्याय १: सफ़र की शुरुआत कॉलेज की ट्रिप का दिन था, और जैसे ही सुबह की हल्की धूप ने शहर को छुआ, छात्रों की उत्साहपूर्ण आवाज़ें पूरे कॉलेज परिसर में गूंजने लगीं। बस के बाहर टहलते हुए कुछ छात्र अपने बैग्स की जाँच कर रहे थे, कुछ अपनी कैमरों और स्नैक्स की तैयारी में लगे थे। सड़क पर चहल-पहल थी—बच्चों के माता-पिता ने उन्हें आख़िरी बार गले लगाकर विदा किया था, और अब बस के अंदर की हलचल ही उनका नया संसार बन गई थी। जैसे ही बस की चाबी घुमाई गई और इंजन की गड़गड़ाहट ने सफ़र की शुरुआत…