कुणाल कुलकर्णी १ मुंबई की धरती पर पहला कदम रखते ही कुणाल के मन में अजीब सी हलचल उठी। जैसे ही ट्रेन धीरे-धीरे छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) स्टेशन पर रुकी, खिड़की से झाँकते ही उसे हज़ारों चेहरों की चहल-पहल, पटरियों पर भागते कुलियों की आवाज़ें और लाउडस्पीकर पर गूंजती घोषणाओं का मिश्रण सुनाई दिया। स्टेशन पर कदम रखते ही उसे ऐसा महसूस हुआ मानो किसी अदृश्य शक्ति ने उसे खींचकर इस हलचल के बीच डाल दिया हो। दूर-दूर तक रंग-बिरंगे कपड़े पहने लोग, हाथों में मिठाई और पूजा का सामान, और माथे पर चंदन का तिलक लगाए श्रद्धालु दिखाई…