• Hindi - नैतिक कहानियाँ

    सच्ची दौलत

    राकेश मिश्र ऊँचे बर्फीले पर्वतों के बीच, जहाँ हवा में देवताओं की सांसें महसूस होती थीं, एक पुरानी पत्थर की गुफा थी — भीतर सन्नाटा, बाहर प्रकृति का मधुर संगीत। गुफा के भीतर विराजमान थे साधु बाबा, जिनका वास्तविक नाम किसी को नहीं मालूम था; सब उन्हें ‘बाबा’ कहकर ही बुलाते थे। वर्षों से इस गुफा में वे ध्यान, जप और प्रकृति की साधना में लीन थे। उनके आसपास न कोई मंदिर था, न कोई मूर्ति, न ही कोई सेवक या शिष्य—सिर्फ एक चटाई, एक कमंडल, और एक जलपात्र। उनके शरीर पर एक मोटी जटा-जूट की लहराती पगड़ी, चेहरा समय…