प्रकाश पांडेय प्रवीर एक छोटे से गाँव गंगावटी में पहुंचा, जहाँ वह अपने जीवन की तकलीफों से बचने के लिए एक नया आरंभ करना चाहता था। अपनी मां की आकस्मिक मृत्यु के बाद, वह मानसिक रूप से पूरी तरह टूट चुका था। शहर के शोर-शराबे और हलचल से दूर इस शांत गांव में आने का उसका उद्देश्य सिर्फ यही था कि वह अपने भीतर शांति और सुकून पा सके। गंगावटी गांव नदियों और खेतों से घिरा हुआ था, जहां लोग अपनी सादी और कठिन जिंदगी जीते थे। गाँव की गलियों में टहलते हुए उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि…