• Hindi - प्रेम कहानियाँ

    उस रात जब चाँद मुस्कुराया

    वेदिका शर्मा बमुश्किल शाम के साढ़े सात बजे होंगे जब आयरा सेन नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पहुँची। प्लेटफॉर्म पर हलचल थी, लेकिन वह खुद किसी दूसरी लय में थी—धीमी, शांत और थोड़ी खोई हुई। पीठ पर कैमरा बैग और हाथ में एक काले रंग की डायरी थामे वो आगे बढ़ रही थी, जैसे किसी दृश्य को नहीं, बल्कि किसी याद को पकड़ना चाहती हो। उसकी ट्रेन—काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस—रात 8:00 बजे रवाना होने वाली थी। वह S3 कोच तक पहुँची और अपनी खिड़की वाली सीट पर बैठ गई। खिड़की का शीशा टूटा हुआ था, लेकिन उसे कोई शिकायत नहीं थी।…