• Hindi - रहस्य कहानियाँ

    अधूरी तस्वीर

    असिम बर्मा वाराणसी की उस पुरानी गली में जहां मकान सड़ चुके थे, दीवारें सीलन से भरी थीं और खिड़कियों से झाँकता धूप भी मानो थक हार कर लौट जाना चाहती थी, वहीं एक मोड़ पर खड़ा था वह मकान, जो न तो पूरी तरह खंडहर था, न ही पूरी तरह जीवित। मकान नंबर ३२। तीन मंजिला पर पुराना, ईंट से बना, और उसकी दीवारों पर चिपकी परतें समय की कहानी बयाँ करती थीं। मैं, राघव शास्त्री, उस दिन अपना सामान लेकर उस मकान के तीसरे माले की ओर बढ़ रहा था, जैसे कोई पुराना रिश्ता फिर से मिलने को…